Rishabh Pant COMEBACK : किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है ऋषभ पंत की 14 महीने बाद मैदान पर वापसी, मौत को छू कर लौटे है पंत; परिवार ने बताई COME BACK की कहानी

 Rishabh Pant COMEBACK : भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज क्रिकेटर ऋषभ पंत 14 महीने बाद मैदान पर वापसी की है। ऋषभ पंत आईपीएल में शानदार प्रदर्शन भी किया है। ऋषभ पंत आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की अगुवाई की है। ऋषभ पंत सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे. जिससे रिकवर होने में ऋषभ पंत को 14 महीने का वक्त लग गया. ऋषभ पंत के परिवार ने उनके COME BACK की कहानी बताई.

सड़क हादसे का शिकार हुये ऋषभ पंत

Cricketer Rishabh Pant hospitalised after serious car accident – India TV
ऋषभ पंत – फोटो : सोशल मीडिया

3 दिसंबर 2022 को भारतीय क्रिकेट टीम के विस्फोटक बल्लेबाज ऋषभ पंत दिल्ली से अपने रुड़की स्थित घर की ओर आ रहे थे. तभी सुबह-सुबह उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. यह सड़क हादसा इतना भीषण था की ऋषभ पंत की गाड़ी के परखच्चे उड़ गए. इस सड़क हादसे में पंत गंभीर रूप से घायल हो गए.

उनके पैर में इतनी गंभीर चोट लगी कि उन्हें रिकवर होने में लगभग 14 महीने का वक्त लग गया. ऋषभ पंत को जानने वाले और उनके साथ खेलने वाले खिलाड़ियों ने उस वक्त यह सोच लिया था की लगभग 2 से 3 साल बाद ही पंत मैदान में वापसी कर पाएंगे, मगर ऋषभ ने इच्छा शक्ति और आत्म बल के दम पर 14 महीने बाद एक बार फिर से मैदान पर वापसी की.

उत्तराखंड के रहने वाले हैं पंत

ऋषभ पंत उत्तराखंड के रुड़की शहर से ताल्लुक रखते हैं. यहीं पर उनका जन्म हुआ. आज भी परिवार के साथ वह रुड़की में ही रहते हैं. सड़क हादसे के बाद वह मुंबई और दिल्ली के साथ साथ एनसीए में समय बिता रहे थे.  बीसीसीआई ने पंत को आईपीएल खेलने की इजाजत दी थी. जिसके बाद उनके फैंस बेहद खुश हुए. सबसे ज्यादा खुश ऋषभ पंत के परिजन और उनके साथ खेलने वाले खिलाड़ी हुए. उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी ऋषभ पंत का साथ नहीं छोड़ा.

मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में हुआ पंत का इलाज

ऋषभ पंत को इतने महीना तक मैदान से अगर दूर रहना पड़ा तो वह इसलिए क्योंकि उनके शरीर में कई जगहों पर गंभीर चोट थी. यह हादसा 3 दिसंबर 2022 को सुबह लगभग 5:30 हुआ. रुड़की के पास मोहम्मदपुर जाट के पास उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर उछलती हुई दूसरी तरफ जा पहुंची. जिस वक्त यह सड़क दुर्घटना हुई तब वक्त ऋषभ पंत गाड़ी में अकेले थे. इस हादसे में न केवल गाड़ी पूरी तरह से खत्म हो गई बल्कि डिवाइडर का नामोनिशान तक मिट गया.

स्थानीय लोगों ने उन्हें मुश्किल से बाहर निकाला. दो युवकों की मदद से पंत को रुड़की के अस्पताल में लगभग सुबह 6:00 बजे भर्ती करवाया गया. डॉक्टर ने पाया कि उनके सिर और पैर में गंभीर चोटें हैं. इसके बाद उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उनका इलाज किया. लंबे इलाज के बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल रेफर कर दिया गया.

पंत के फिट होने की खबर से झूमे परिजन

ऋषभ पंत – फोटो : सोशल मीडिया

रुड़की में पहली क्लास से सीनियर क्लास तक उनको निखारने और कोचिंग देने वाले अवतार सिंह कहते हैं जब बीसीसीआई की यह खबर मेरे पास आई कि उन्होंने ऋषभ पंत को खेलने के लिए हरी झंडी देते हुए फिट बता दिया है उसे वक्त मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. उन्होंने कहा मैं ऋषभ पंत को तब से जानता हूं जब वह एलकेजी में पढ़ता था. जिस वक्त उसका एक्सीडेंट हुआ तब लोग तरह-तरह की बात कर रहे थे, लेकिन मुझे यह पूरा विश्वास था कि ऋषभ पंत वापसी करेंगे.

उन्होंने कहा जिस दिन ऋषभ पंत का एक्सीडेंट हुआ उसी दिन मैं सुबह 6 बजे रुड़की के अस्पताल में पहुंच गया था. वहां पर मौजूद डॉक्टर ने बताया कि पंत के लिगामेंट और दूसरे जगह पर फैक्चर हैं. अगर ऋषभ पंत इन चोटों को देखकर घबराए नहीं तो वह जल्द ही रिकवर कर जाएंगे.

उन्होंने बताया उम्र कम होने की वजह से रिकवरी रेट बेहतर रहेगा. डॉक्टर की इस बात को सुनकर मैं सुनिश्चित हो गया था कि ऋषभ पंत जल्द ही मैदान में वापसी करेंगे. उन्होंने कहा 14 महीनों का ये समय बेहद ही चुनौती पूर्ण था. वह कहते हैं इस दौरान उनकी मां ने ऋषभ का कितना साथ दिया है यह कोई नहीं जानता. बहन और मां के साथ-साथ टीम के कुछ खिलाड़ी उनको हमेशा मोटिवेट किया.

कोच ने सुनाय ऋषभ की दिलेरी का किस्सा

अवतार सिंह कहते हैं जब-जब ऋषभ पंत की चोट लगी हुई तस्वीर मेरे मोबाइल या टीवी पर देखता था तो मुझे रोना आता था. एक पुराने वाक्ये को याद करते हुए उन्होंने बताया मुझे याद है कि जब वह तीसरी क्लास में पढ़ता था तब आर्मी कैंट में आते हुए उसका एक मोटरसाइकिल से एक्सीडेंट हो गया था. हाथ और पैरों से निकल रहे खून के बावजूद भी वह प्रैक्टिस सेशन का हिस्सा बना. बाद में हमने उसकी ड्रेसिंग करवाई. तब मुझे लगा यह लड़का 2 से 3 दिन अब छुट्टी करेगा, लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. अगले दिन उसके हाथ और पैर में पट्टी बंधी हुई थी. वह मैदान पर था.

अवतार सिंह बताते हैं सातवीं क्लास और आठवीं क्लास में वह स्कूल टूर्नामेंट में कई बार मैन ऑफ द मैच बना. शुरू से ही खेलने की ललक उसके अंदर थी. जब वह 12 और 13 साल का लड़का था तब सीनियर खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस करता था. आज मुझे बेहद खुशी है कि वह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने के बाद जल्द ही भारतीय टीम का हिस्सा बन जाएगा. अवतार सिंह कहते हैं यह ऋषभ पंत की मां का ही आशीर्वाद है कि वह इस आईपीएल में एक बार फिर से दिल्ली के लिए खेलता हुआ दिखाई देगा.

पंत की मां ने किया फैन्स का शुक्रिया

ऋषभ की मां सरोज पंत अपने बेटे के इस पूरे स्ट्रगल पर ज्यादा कुछ नहीं कहती. वे कहती हैं एक मां होने के नाते आप यह समझ सकते हैं कि बेटा इतनी गंभीर लड़ाई लड़के एक बार फिर से मैदान में आ रहा है, मेरे लिए वह सबसे बड़ा दिन होगा जब वह दोबारा से मैदान में उतरकर क्रिकेट खेलेगा. उन्होंने कहा मैं बेहद खुश हूं.ऋषभ की मां उनके तमाम फैन का शुक्रिया अदा करती हैं. टीम के खिलाड़ियों का भी शुक्रिया अदा करते हुए कहती हैं कि यह दौर बहुत मुश्किल था, लेकिन सबके साथ और विश्वास ने ऋषभ को मजबूती के साथ खड़ा किया है.

पंत मैदान, खेल, क्रिकेट की करता था बात

ऋषभ पंत को बेहद करीब से जानने वाले उमेश कुमार शर्मा कहते हैं मैं एक्सीडेंट के बाद ऋषभ पंत से लगभग 15 से 17 बार मिला हूं. मुंबई में उनका इलाज कर रहे डॉक्टर पारदिवाला से भी उनकी हर एक अपडेट के बारे में बातचीत करता रहा हूं. शुरुआत में परिवार बेहद घबरा गया था. मैं खुद उसकी हालत को देखकर चिंतित था.ऋषभ पंत को मैं कई सालों से जानता हूं. वह मेरे परिवार का हिस्सा है. रुड़की से लेकर देहरादून और उसके बाद मुंबई के अस्पताल में मैं लगातार उनके संपर्क में था.

उन्होंने कहा जिस तरह से ऋषभ पंत ने रिकवर किया है वह काबिले तारीफ है. कभी भी उसने कोई नेगेटिव बात नहीं की. हमेशा पंत मैदान, खेल, क्रिकेट की बात ही करता था. वह भगवान को इतना मानता है कि जैसे ही उसको लगा कि अब वह चलने फिरने में बिल्कुल फिट है वैसे ही उसने भगवान बदरीनाथ धाम में जाने का मन बनाया. मैंने भी जरा देरी न करते हुए उसके साथ चलने का प्लान बनाया. 2023 अक्टूबर महीने में बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन करने के बाद वापस अपने घर लौट गया. उन्होंने कहा अब ऋषभ पंत बिल्कुल फिट हैं. जल्द ही आईपीएल से पहले उससे मुलाकात होगी.

ऋषभ का मां ने रातों में जगकर की देखभाल

परिवार के स्ट्रगल के बारे में पूछने पर उमेश बताते हैं आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते की पंत के परिवार के ऊपर क्या बीती है. हमने उन्हें करीब से देखा है. 2017 में अपने पिता को खोने वाले पंत अपने परिवार को यह जरा भी महसूस नहीं करवाना चाहते थे कि उनको इतनी बड़ी चोट लगी है.

यही वजह है कि वह इतने दर्द में होने के बावजूद भी जब अपनी मां, बहन से मिले तो खुश होतर मिले. उन्हें पता था अगर वह परेशान रहेंगे तो उनकी मां परेशान रहेगी. उमेश कहते हैं कि उनकी मां इस दौरान कई रात तक ऋषभ पंत के पास बैठी रहती थी. वह ऋषभ पंत का ठीक वैसे ही ख्याल रख रही थी जैसे एक पैदा हुए बच्चे का उसकी मां ख्याल रखती है.

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