Sania Mirza : सानिया ने पहली बार तलाक के बाद की खुलकर बात, बेटे के साथ समय बिताने, WPL से लेकर विज्ञापन तक पर क्या बोली सानिया

Sania Mirza : पिछले कुछ समय से भारत की पूर्व टेनिस स्टार सानिया मिर्जा काफी चर्चा में हैं। दरअसल, उनके पूर्व पति शोएब मलिक ने अचानक से तीसरी शादी रचाई थी। इसके बाद खुलासा हुआ था कि सानिया ने काफी समय पहले ही शोएब को तलाक दे दिया था। हालांकि, इसकी भनक लोगों को नहीं लग सकी थी। इसके बाद सानिया ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर भी कई भावुक कर देने वाले मैसेज पोस्ट किए थे। हालांकि, इस पूरे मुद्दे को लेकर उन्होंने मीडिया में कुछ खास बयान नहीं दिया था। अब वह मीडिया के सामने आई हैं। इस दौरान सानिया ने कई पहलुओं पर बातचीत की

बेटे के साथ समय बिताना था

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सानिया और उनके बेटे – फोटो : सोशल मीडिया

पूर्व टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा, “मेरी सेवानिवृत्ति का एक कारण मेरे बेटे के साथ समय बिताना था, जो अब मैं करती हूं और मुझे ऐसा करना पसंद है। मैं अभी भी काम करती हूं, मेरी हैदराबाद में टेनिस अकादमी है, दुबई में भी कुछ हैं… मैं खुद को व्यस्त रखती हूं लेकिन मैं जानबूझकर खुद को ज्यादा व्यस्त नहीं रखती क्योंकि मैं अपने बेटे के साथ कुछ समय बिताना चाहती हूं।”

लड़कियों को प्रोत्साहित करना चाहिए

वही सानिया मिर्जा ने देश में बेटियों के खेल को बढ़ावा देने पर कहा, हमें, एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अधिक से अधिक लड़कियों को उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें अधिक से अधिक लड़कियों को वह करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा जो उन्हें पसंद है, चाहे वह लीक से हटकर ही क्यों न हो। मुझे लगता है कि धीरे-धीरे ऐसा हो रहा है, लेकिन सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।

एथलीटों को है समर्थन की जरूरत

इसी साल पेरिस में ओलंपिक होना है। भारतीय फैंस अपने एथलीट से कई पदकों की आस लगाए बैठे हैं। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों और हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारतीय एथलीटों की सफलता के बाद फैंस को स्वर्ण पदक की काफी उम्मीद है। 2021 टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। हालांकि, सानिया का मानना है कि ओलंपिक सिर्फ एक दिन की मेहनत का नतीजा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर बार जब ओलंपिक आते हैं तो आप स्वर्ण पदक की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

तीन बार की ओलंपियन सानिया ने कहा, ‘अगर आपने पिछले चार वर्षों में उनका समर्थन नहीं किया है तो पदक की उम्मीद करने का हक नहीं रख सकते। मुझे लगता है कि सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह समझना है कि स्वर्ण पदक रातोंरात नहीं बनते हैं। स्वर्ण पदक वर्षों और वर्षों के आंसू और पसीने से बने होते हैं। एथलीट कई वर्षों तक इसके लिए मेहनत करते हैं। लोग सिर्फ ओलंपिक से पहले दो से तीन महीने तक इस पर ध्यान देते हैं।

WPL को लेकर क्या बोली सानिया ?

सानिया को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पिछले सीजन महिला प्रीमियर लीग में अपना मेंटर नियुक्त किया था। इस लीग को लेकर सानिया ने कहा- WPL महिला क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी चीज है क्योंकि महिला क्रिकेट हमेशा से खेला जाता रहा है। ऐसा नहीं है कि उन्होंने इस तरह का कुछ खेला नहीं है, लेकिन उन्हें वह पहचान नहीं मिल पाई जो पुरुष क्रिकेटरों को मिलती थी। अब इस मंच के साथ, WPL के साथ, मुझे लगता है कि यह उनके लिए वास्तव में बहुत अच्छा हो गया है कि वे अपनी प्रतिभा दिखा सकें और यह भी दिखा सकें कि वे जो करती हैं उसमें वे कितनी अच्छे हैं। जितनी अधिक निगाहें, खेल उतना ही बड़ा हो जाता है।

विज्ञापन पर सानिया ने दी अपनी प्रतिक्रिया

जब मैं दुनिया जीत रही थी, लोग कहते थे सैटल हो जाओ', सानिया मिर्जा का दिल  छूने वाला पोस्ट - tennis star Sania Mirza powerful post inspired by Urban  Company ad on
सानिया मिर्ज़ा – फोटो : सोशल मीडिया

बीते दिनों अपने पाकिस्तानी पति शोएब मलिक के साथ तलाक के चलते चर्चा में आई टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का हालिया ट्विटर पोस्ट दिल छू लेने वाला है. खासकर कई महिलाओं के लिए ये उनकी जिंदगी की आइना है. सानिया ने अर्बन कंपनी के विज्ञापन ‘छोटी सोच’ पर रिएक्ट किया है और सोशल मीडिया पर उसे एक इंस्पाइरिंग मैसेज के साथ पोस्ट किया.

औरत जितना आगे बढ़े, दुनिया की सोच उतनी छोटी हो जाती है

सबसे पहले बता दें कि अर्बन कंपनी का ये एड एक ब्यूटीशियन की कहानी पर है, जिसे कार खरीदने के बाद अपने पड़ोसियों और छोटे भाई की ओर से कई सवालों का सामना करना पड़ता है. उसका भाई बताता है कि लोग मुझे चिढ़ाते हैं और कहते हैं कि हमें पता है कि तेरी बहन ने गाड़ी कैसे खरीदी. कुल मिलाकर लोग उसके गाड़ी खरीदने को लेकर उसके चरित्र पर छींटाकशी कर रहे हैं. ट्विटर पर अर्बन कंपनी ने इस एड के कैप्शन में लिखा है- ‘हर किसी को गर्व के साथ काम करने और इसके लिए सम्मान पाने का अधिकार है.’

मैं खिताब पर खिताब जीत रही थी, लोग कहते थे सैटल हो जाओ

इसी ए़ड को रिट्वीट करते हुए सानिया ने  लिखा- 2005 में, मैं WTA खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला थी. बड़ी बात, है ना? जब मैं डबल्स में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी थी तो लोग यह जानने के लिए बेचैन थे कि मैं सैटल कब होंगी (घर कब बसाउंगी). छह ग्रैंड स्लैम जीतना समाज के लिए काफी नहीं था. मैं अपनी जर्नी में मिले समर्थन के लिए आभारी हूं, लेकिन खुद को ये सोचने से नहीं रोक कि क्यों एक महिला की उपलब्धियां उसके कौशल और काम के बजाय लैंगिक ‘अपेक्षाओं’ और दिखावे के बारे में चर्चाओं को आमंत्रित करती हैं.

समाज के बारे में वास्तविक बातचीत करना कठिन है

सानिया ने लिखा- अर्बन कंपनी का यह विज्ञापन देख रही हूं. इससे ये भावनाएं सामने आईं. मैं जानती हूं कि समाज के बारे में वास्तविक बातचीत करना कठिन और कभी-कभी असुविधाजनक होता है, लेकिन हम महिलाओं की सफलता के साथ कैसे जुड़ते हैं, इस पर आत्मनिरीक्षण करना जरूरी है

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