Manika Batra : मनिका बत्रा ने हासिल की करियर की सर्वश्रेष्ट रैंकिंग, खूबसूरती में कई हीरोइन है इनके आगे फेल, टॉप 25 में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस स्टार बनी; कोच का मार्गदर्शन लेने से किया था इंकार

Manika Batra: टेबल  टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने इतिहास रच दिया है.  बत्रा ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल कर ली है. मंगलवार को नवीनतम आईटीटीएफ रैंकिंग में शीर्ष 25 में प्रवेश कर लिया है. मनिका विश्व में 39वें स्थान से 15 स्थान की छलांग लगाकर 24वें स्थान पर पहुंची. उन्होंने श्रीजा अकुला से अपना भारत का नंबर एक स्थान भी  हासिल कर लिया. मनिका के रैंकिंग में सुधार सऊदी स्मैश 2024 में ठोस प्रदर्शन के बाद आया है.  मनिका ने टूर्नामेंट में कई उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को हराया.

खेलों की दुनिया में भारत पिछले कुछ वर्ष से कदम-दर-कदम सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारत के खिलाड़ी अपने चमकदार प्रदर्शन से खेलों के नक्शे पर भारत का नाम लिख रहे हैं। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने इस दौरान खास तौर से देश का परचम लहराया है। विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला खिलाड़ियों में शुमार मनिका बत्रा ने एक और कारनामा अंजाम देते हुए एशियन कप टेबल टेनिस में कांस्य पदक हासिल किया है और वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।

It's okay, it's not over" – How Manika Batra went from a lean patch to career-high World Rank
मनिका बत्रा – फोटो : सोशल मीडिया

कौन है मनिका बत्रा ?

पंद्रह जून 1995 को दिल्ली में जन्मी मनिका बत्रा तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। बड़ी बहन आंचल और भाई साहिल टेबल टेनिस खेला करते थे और उन्हीं को खेलता देखकर नन्ही मनिका ने भी चार साल की उम्र से ही टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया। उनके खेल में भविष्य की एक प्रतिभावान खिलाड़ी की झलक देखकर उन्हें बहुत कम उम्र में ही टेबल टेनिस का बाकायदा प्रशिक्षण दिलाने का फैसला किया गया।

मनिका ने एक और उपलब्धि तब हासिल की जब वह अपने हमवतन खिलाड़ी एस ज्ञानशेखरन के साथ मिश्रित युगल विश्व वरीयता क्रम में नंबर पांच पर पहुंचीं और किसी भारतीय जोड़ी के लिए टेबल टेनिस विश्व रैंकिंग में यह अब तक की शीर्ष वरीयता है।

मॉडलिंग का प्रस्ताव ठुकराया

बेहद खूबसूरत मनिका को किशोरावस्था में ही मॉडलिंग के कई प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने हमेशा टेबल टेनिस को तरजीह दी और यहां तक कि उन्हें खेल पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ देनी पड़ी।

भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने सोमवार को जेद्दा में सऊदी स्मैश में वर्ल्ड नंबर 2 वांग मन्यु को हराकर 16वें राउंड में प्रवेश किया।मनिका बत्रा ने हाल में श्रीजा अकुला से टॉप रैंकिंग वाली भारतीय खिलाड़ी का दर्जा खो दिया था। उन्होंने चीन की वांग को 37 मिनट में 3-1 (6-11, 11-5, 11-7, 12-10) से हराया। क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए भारतीय खिलाड़ी का सामना दुनिया की 14वीं रैंकिंग वाली जर्मनी की नीना मित्तेलहम से होगा।

कई दिनों, महीनों और सालों तक कड़ी मेहनत का फल

मनिका बत्रा ने मैच के बाद एक वीडियो मैसेज में कहा, “”वांग मन्यु के खिलाफ जीतना मेरे एकल करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। मैं अपने कोच अमन बालगु और अपने ट्रनरों के साथ कड़ी मेहनत कर रही हूं। मैं अपनी कड़ी मेहनत से खुश हूं, क्योंकि ये कोई एक दिन का काम नहीं है। आपको कई दिनों, महीनों और सालों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। मुझे खुशी है कि मुझे ट्रेनिंग के दौरान भारी मदद मिली। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे सहयोग दिया और मुझपर भरोसा किया।

आप सभी को धन्यवाद। मैं इस भावना को वैसे ही बनाए रखूंगी जैसे मैंने आज किया। मैंने अपने आने वाले मैचों और टूर्नामेंटों के लिए इस भावना को बनाए रखा।”वर्ल्ड नंबर 39 मनिका बत्रा ने शनिवार को रोमानिया के एंड्रिया ड्रैगोमैन पर 3-0 (11-6, 13-11, 11-8) से जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की।मनिका बत्रा ने बताया कि वांग मन्यु के खिलाफ जीतना मेरे एकल करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। मैं अपने कोच अमन बालगु और अपने ट्रनरों के साथ कड़ी मेहनत कर रही हूं।

मैं अपनी कड़ी मेहनत से खुश हूं,क्योंकि ये कोई एक दिन का काम नहीं है। आपको कई दिनों, महीनों और सालों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। मुझे खुशी है कि मुझे ट्रेनिंग के दौरान भारी मदद मिली। भरोसा किया।आप सभी को धन्यवाद। मैं इस भावना को वैसे ही बनाए रखूंगी जैसे मैंने आज किया। मैंने अपने आने वाले मैचों और टूर्नामेंटों के लिए इस भावना को बनाए रखा।”

Manika Batra : किसी परिचय का मोहताज नहीं है

देश के खेल प्रेमियों के लिए मनिका का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वर्ष 2020 में देश के सबसे बड़े खेल सम्मान मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित मनिका ने बैंकॉक, थाईलैंड में खेली गई इस प्रतियोगिता में महिला सिंगल्स का सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बाद भी हिम्मत नहीं छोड़ी और कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में जापान की हीना हयाता को मात देकर तीसरा स्थान हासिल किया तथा टूर्नामेंट के इतिहास में कोई भी मेडल जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं।

एशियन कप टेबल टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में भारत को देश के प्रतिभाशाली खिलाड़ी चेतन बबूर ने पदक दिलाया था। बबूर वर्ष 1997 में पुरुष सिंगल्स के फाइनल तक पहुंचे थे और उन्होंने रजत पदक हासिल किया था। इसके बाद साल 2000 में चेतन ने एक बार फिर कांस्य पदक जीतकर भारत के पदकों की संख्या में इजाफा कर दिया।

ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है

ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी 27 साल की मनिका विश्व में 44वें नंबर की खिलाड़ी हैं और उन्हें टेबल टेनिस के खेल में देश की अब तक की सबसे प्रतिभाशाली तथा सफल महिला खिलाड़ी माना जाता है। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि वह आने वाले दिनों में अन्य विश्व प्रतियोगिताओं में देश को स्वर्णिम सफलता दिलाएं।

ये भी पढ़े  –

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top