James Anderson: जेम्‍स एंडरसन का अदभुत कारनामा, टेस्‍ट क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले बने दुनिया के पहले तेज गेंदबाज

James Anderson: इंग्‍लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्‍स एंडरसन टेस्‍ट क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले तेज गेंदबाज बन गए हैं। एंडरसन ने भारत के खिलाफ धर्मशाला में जारी पांचवें टेस्‍ट के तीसरे दिन कुलदीप यादव को आउट करके यह कीर्तिमान स्‍थापित किया। एंडरसन टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने के मामले में तीसरे स्‍थान पर काबिज हैं।

लाल गेंद क्रिकेट के बादशाह है एंडरसन

James Anderson
जेम्स एंडरसन – फोटो : सोशल मीडिया

जेम्‍स एंडरसन की खासियत उनका लंबे समय तक अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट खेलना है। 41 साल के एंडरसन ने 2003 में अपना डेब्‍यू किया और तब से इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुवा बने हुए हैं। एंडरसन ने 2015 से सीमित ओवर क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन लाल गेंद क्रिकेट के वो बादशाह बने और एक के बाद एक उपलब्धि हासिल करते गए।

अब 41 साल की उम्र में भी उनकी धार कम नहीं हुई है। वह अब तक 187 टेस्ट खेल चुके हैं और सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर से 13 टेस्ट पीछे हैं। इसके अलावा वह 194 वनडे में 269 विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 18 विकेट समेत कुल 987 विकेट ले चुके हैं। टेस्ट में 42 रन देकर सात विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है, जबकि वनडे में 23 रन देकर पांच विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 23 रन देकर तीन विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। टेस्ट में एंडरसन 32 बार पारी में पांच विकेट ले चुके हैं, जबकि वनडे में उन्होंने ऐसा दो बार किया है।

100-700 तक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज

  • 100 विकेट – चार्ली टर्नर ऑस्‍ट्रेलिया, 1895
  • 200 विकेट – एलेक बेडसर, इंग्‍लैंड, 1953
  • 300 विकेट – फ्रेड ट्रूमैन, इंग्‍लैंड, 1964
  • 400 विकेट – रिचर्ड हेडली, न्‍यूजीलैंड, 1990
  • 500 विकेट – कर्टनी वॉल्‍श, वेस्‍टइंडीज 2001
  • 600 विकेट – जेम्‍स एंडरसन, इंग्‍लैंड, 2020
  • 700 विकेट – जेम्‍स एंडरसन, इंग्‍लैंड, 2024*

वैसे, जेम्स एंडरसन टेस्‍ट क्रिकेट में 700 या ज्‍यादा विकेट लेने वाले दुनिया के तीसरे गेंदबाज हैं। टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के नाम दर्ज है। मुरलीधरन ने 800 टेस्‍ट विकेट लिए। इस लिस्‍ट में दूसरे स्‍थान पर ऑस्‍ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न काबिज हैं। दिवंगत शेन वॉर्न ने 708 टेस्‍ट विकेट लिए।

सबसे ज्‍यादा टेस्‍ट विकेट गेंदबाज

  • मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका)   –   133 टेस्‍ट में 800 विकेट
  • शेन वॉर्न (ऑस्‍ट्रेलिया)           –    145 टेस्‍ट में 708 विकेट
  • जेम्‍स एंडरसन (इंग्‍लैंड)         –    187 टेस्‍ट में 700 विकेट
  • अनिल कुंबले (भारत)            –    132 टेस्‍ट में 619 विकेट
  • स्‍टुअर्ट ब्रॉड (इंग्‍लैंड)              –    167 टेस्‍ट में 604 विकेट

साल 2003 में इंग्लैंड के लिए किया डेब्यू

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जेम्स एंडरसन – फोटो : सोशल मीडिया

जेम्स एंडरसन ने साल 2003 में इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था।एंडरसन ने 22 मई 2003 को लॉर्ड्स में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था। उन्होंने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट झटके थे। इसके बाद बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर इंग्लैंड के बॉलिंग आक्रमण की अहम कड़ी बन गए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 186 टेस्ट मैचों में 698 विकेट हासिल किए हैं। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड के लिए 194 वनडे मैचों में 269 विकेट अपने नाम किए हैं। 19 T20I मैचों में उनके नाम 18 विकेट दर्ज हैं।

टेस्ट में एंडरसन के किस देश के खिलाफ कितने विकेट

खिलाफ मैच विकेट पारी में पांच विकेट
ऑस्ट्रेलिया 39 117 5
बांग्लादेश 2 9 0
भारत 39* 149 6
न्यूजीलैंड 20 84 3
पाकिस्तान 20 82 3
दक्षिण अफ्रीका 29 103 4
श्रीलंका 14 58 5
वेस्टइंडीज 22 87 5
जिम्बाब्वे 2 11 1
कुल 187 700* 32

टेस्ट में एंडरसन के पसंदीदा शिकार

खिलाड़ी कितनी बार आउट किया
चेतेश्वर पुजारा* (भारत) 12
पीटर सिडल (ऑस्ट्रेलिया) 11
डेविड वॉर्नर* (ऑस्ट्रेलिया) 10
अजहर अली* (पाकिस्तान) 9
माइकल क्लार्क (ऑस्ट्रेलिया) 9
सचिन तेदुलकर (भारत) 9
केन विलियम्सन* (न्यूजीलैंड) 9

क्यों एंडरसन है इतने असरदार ?

1. बेहतरीन फिटनेस
दुनिया के बाकी क्रिकेटरों की तरह जेम्स एंडरसन भी कई बार चोटिल हुए हैं। हालांकि, उनके चोटिल होने की फ्रिक्वेंसी अन्य तेज गेंदबाजों की तुलना में काफी कम रही है। ज्यादातर तेज गेंदबाज उम्र बढ़ने के साथ रन अप छोटी कर देते हैं, लेकिन एंडरसन ने इसे बकरार रखा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा रनिंग बढ़ती उम्र में भी एंडरसन की फिटनेस का असल राज है।
2. शानदार वर्कलोड मैनेजमेंट
एंडरसन के ऊपर कभी बहुत ज्यादा वर्कलोड नहीं डाला गया। सीमिंग और स्विंगिंग कंडीशन में उन्हें ज्यादा मैच खिलाए गए। साथ ही कई वर्षों तक स्टुअर्ट ब्रॉड जैसा जोड़ीदार मिलने से भी उनके ऊपर बोझ कम रहा। इससे एंडरसन खुद को लंबे समय तक कामयाब बनाए रख सके। अभी भी उन्हें हर अगले मैच में आराम दिया जाता है। सिर्फ भारत के खिलाफ इस सीरीज में वह लगातार चार टेस्ट खेले हैं। वर्कलोड मैनेजमेंट से उन्हें आगे के मैचों के लिए फिट रहने में मदद मिलती है।
3. हमेश नई चीजों को सीखने पर दिया जोर
एंडरसन जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए थे तो उन्हें छा जाने वाला गेंदबाज नहीं माना गया था। उन्हें इंग्लैंड की टीम में अपनी जगह पक्की करने में कई साल लग गए थे। हालांकि, वह समय के साथ नई नई कला सीखते गए और खुद को टीम का एक अहम हिस्सा बनाते गए। पहले वह सिर्फ स्विंग पर ध्यान देते थे। इसके बाद उन्होंने रिवर्स स्विंग भी सीखी। स्लोअर डिलीवरी, बाउसंर, कटर सहित ऐसी कोई विधा नहीं है जिसमें एंडरसन पारंगत न हों। जहीर खान से उन्होंने गेंद को फेंकते समय हाथ में छुपाने की कला भी सीखी।
4. टीम मैनेजमेंट और बोर्ड का उन पर विश्वास
टीम मैनेजमेंट और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने हमेशा एंडरसन पर पूरा भरोसा जताया है। समय कितना भी कठिन रहा हो, एंडरसन को मौका दिया गया है। एंड्र्रयू स्ट्रॉस, एलिस्टेयर कुक और जो रूट सहित तमाम कप्तानों ने खराब प्रदर्शन के बावजूद उनका साथ दिया। शुरुआत में वे एशिया में कामयाबी हासिल नहीं कर पाते थे। इसके बावजूद टीम में उनकी जगह कभी खतरे में नहीं पड़ी। अब स्टोक्स भी उन पर भरोसा जता रहे हैं। उन्होंने वुड और रॉबिन्सन जैसे गेंदबाजों को रोटेट किया, लेकिन एंडरसन को प्लेइंग-11 से बाहर नहीं किया।
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